Wednesday, October 6, 2010

कान्यकुब्ज का मतलब क्या होता है

हम से बहुत लोगो ने कान्यकुब्ज का मतलब पूछा,असल में कान्यकुब्ज का मतलब होता है कन्याओ का कुबण,इसका प्राचीन नाम महोदया था ,इसको मैंने वाल्मीकि रामायण में खोजा ,महोदया के राजा का नाम राजा कुशनाभ था ,इनकी १०० लडकिया थी ,एक बार इनकी लडकिया बाग़ में घूम रही थी ,इनकी लडकिया खूबसूरत तो थी ही ,इन पर वायुदेव की नजर पड़ी ,वे इन पर मोहित हो गए ,उन्होंने कहा की हे सुंदरी तुमलोगों के देखने के बाद मै अपने आपको संभल नहीं पा रहा हु ,मै तुम लोगो के सामने शादी का प्रस्ताव रख रहा हु ,आप इसे स्वीकार करे ,तब कुशनाभ की लडकियों ने कहा की मै आपसे शादी नहीं कर सकती ,आप इसके लिए मेरे पिताजी से अनुमति ले ,इस बात को सुनने के बाद वायुदेव गुस्से से लाल हो गए और वे उन लडकियों के शारीर के अंदर प्रवेश कर गए ,जिससे उन लडकियों के पीठ पर कुबण निकल आया ,तभी से महोदया को कन्याओ का कुब्ज कहा जाता है ,और इसी कन्याओ के कुब्ज को संस्कृत में कान्यकुब्ज कहा जाता है ,महोदया देश को ही कान्यकुब्ज देश भी कहते है ,इसी देश के ब्राह्मणों को कान्यकुब्ज ब्राह्मण कहा जाता है ,हुआ यह की हमारे पूर्वजो ने सोचा की कान्यकुब्ज देश के ब्राह्मणों की पहचान के लिए कोई न कोई नामकरण जरुरी है ,मान लीजिये आज हमलोग यहाँ है बाद में कही और चले जाए तब हम कैसे पहचानेगे की हम किस जगह के ब्राह्मण है ,इसी बात का ख्याल कर के उस समय के कान्यकुब्ज देश के  ब्राह्मण समाज के लोगो ने एक मत से कान्यकुब्ज देश के ब्राह्मणों को कान्यकुब्ज ब्राह्मण नाम दिया होगा ,